lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥

अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है।

स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

शङ्करस्य सम्मुखे पाठस्य पाठं कुर्वन्तु।

प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथनाथं सदानन्दभाजम् ।

शिव आरती

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । नारद शारद शीश नवावैं ॥

आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प here बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

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